18 अक्तूबर 2012

उत्सव

लो फिर आ गया मौसम 
त्यौहारों का 
व्यवहारों का
लौटा फिर वृक्षों पर 
नये पात और नये फल लिये 
खेतों में एक नयी फसल लिये 
मौसम हल्की हल्की सर्दी 
गुनगुनी गुलाबी धूप का 
उपवन उपवन मौसम आया 
कौन चितेरा आँक रहा 
बादलों की तूलिका से 
यौवन के सपनों , मस्ती , अंगड़ाई ,
अलसाई , काम-रूप का !!
उत्सव है , तो जीवन है ,
आशा है , श्रृंगार है ,
कामना है ,
शरीर है , व्यसना है ,
उत्सव का अभिमान 
नवयौवना है .
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...