भौं ऽऽऽऽऽ उं उं
भों , भों , भों ,भों , भौं ऽऽऽऽऽऽऽ
भू भू भू भूंह भूंह ब्हुंह ऽऽऽऽऽऽ
भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं ओं ओं ओं ओं
हंसिये मत
हँसना मना है
मैं ऋषि नहीं हूँ
और ना ही ये बीज मंत्र हैं
हाँ ठीक समझे आप यह
भौंकने वाले प्राणी की विविध-भारती है
अब विशेषज्ञ तो हूँ नहीं
इसलिए आपका इसमें परिपूर्णता ढूँढना ज्यादती है
क्या आप भौंक सकते हैं ?
नहीं यह तो असंस्कृत तरीका हुआ
ऐसे पूछता हूँ -
"क्या आप भौंकना जानते है ?"
किसी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं ?
या सिर्फ सुनी सुनायी ज्ञातक हैं ?
दरअस्ल मैं विभिन्न पाये के भौंकने वाले तलाश रहा हूँ
ऐसे क्या देख रहे हैं ?
नहीं न मुझे कुत्ते पालने का शौक हुआ है
न मुझे अपनी कुतिया के लिए अच्छी नस्ल के कुत्ते की तलाश है
मेरे हाथों में बचे हुए बिस्किट भी नहीं हैं
आप निश्चित रहें मुझे किसी कुत्ते ने नहीं काटा.
मैं पिछले के पिछले के पिछले जन्म में
युधिष्ठिर के साथ साथ हिमालय तक गया था
अपनी कौम का इकलौता था
अब अखबार निकालता हूँ
सपने में टी वी कयास रहा हूँ
मुझे अच्छे रिपोर्टर , एंकर , विशेषज्ञ भी चाहिए
अब आप ही बताइए
चौबीस घंटे , सात दिन
कोई गुर्रा तो नहीं सकता
भौंकने के अलावा क्या बचता
सुबह मुँह अँधेरे सैर को क्या निकले
पीछे से जब ये आवाज गूंजती है
तो न सिर्फ घिग्घी बंधती है
फट जाती है
मन ही मन आसमानों की तरफ तकता हूँ
खुदा वन्द करीम की रहमत की दुआ करता हूँ
संकट में धर्म किसे याद रहता है
आँखों के आगे सिर्फ इंजेक्शन घूमता है
आधी रात को नींद में बडबडाता हूँ
जब भी किसी रोते हुए कुत्ते के रोने की आवाज़ सुनता हूँ
दिल अक्सर ब्रेकिंग न्यूज़ सुनकर दहल जाता है
पर जबसे हर कुत्ता रात-बिरात ब्रेकिंग न्यूज़ की माफिक
कहीं भी कभी भी चालू हो जाता है
तबसे अपनी भी जेब में पत्थर सवार है
पत्नी भी पूछती है
धर्मं बदल कर दूसरा ब्याओ करे क्या
ये पत्थर क्योँ धरे मियाँ ?
अब उस बावरी को कैसे समझाऊं
मानिक वर्मा सा हो गया हूँ
कविता नहीं खम्बा ढूँढता हूँ .
आजकल विश्वविद्यालय में कोई बिना पी एच डी के प्रोफ़ेसर नहीं हो सकता
ऐसे ही एक मित्र कल घर आये
बोले विषय सुझाओ
मैंने कहा बहुतेरे हैं
गाय के मूत्र पर कर लो
कोलावेरी-डी है
ढंका हुआ हाथी है
बोले मेरे को प्रोफ़ेसर न बनने देने की ये क्या ओछी राजनीति है ?
मैंने कहा राजनीति ओछी नहीं , ओबीसी है .
बोले मजाक मत करो
सुझाना है सुझाओ
उपहास तो मत उड़ाओ
वैसे ही दुखी हूँ
देश की शिक्षा रसातल को जा रही है
शिक्षा में विदेशी पूँजी आ रही है
मैंने कहा आप इसके खिलाफ भौंकते क्योँ नहीं ??
दोस्त ने सुना नहीं , या गुना नहीं ,
अपनी ही तान में बोला -
क्या भौंके ?
हम तो गुर्रा तक आये
पर बोटी तो क्या कोई हड्डी तक नहीं डालता .
मैंने कहा गुरु मिल गया
मैं भौंकने पर कविता लिख रहा हूँ
तुम भौंकने पे शोध कर लो .
मित्र बोले - इसमें शोध क्या है ?
कोई भी अगर कुत्ता है , भौंक लेता है
मैंने कहा - नहीं बहुतेरे प्रश्न है
जैसे -
रात और दिन में भौंकने में क्या फर्क है ?
क्या उभयचर भौकने वाले वास्तव में होते हैं -
जो दिवा और निशा दोनों काल में समान विशेषज्ञता से भौंक सकें ?
दुम उठाकर और दुम दबाकर भौंकने में क्या फर्क है ?
लगातार भौंकने या कभी -कभी भौंकने वाले में कौन ज्यादा सफल है ?
भौंकने में बीच-बीच में श्लोक उदधृत करने के क्या फायदे या नुकसान हैं ?
क्या भौंकने की विशेष शैली से यह ज्ञात होता है कि -
भौंकने वाला संघी , कांग्रेसी , साम्यवादी , समाजवादी , या सिर्फ किसी सुविधावादी
घर से बंधा है ?
या फिर छुट्टा है ?
क्या कुत्ते के बकरे की तरह दाढ़ी होती है - अगर हाँ ,
तो दाढ़ी वाले कुत्ते के भौंकने का
अन्य कुत्तों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
दाढ़ी वाला कुत्ता क्या अन्य कुत्तों को डराने के लिए भौंकता है ?
जो कुत्ता अपने मोहल्ले में जोर जोर से भौंकता है
वह क्या अन्य मोहल्ले में भी उतने रूआब से भौंकता है ?
या उसकी आवाज़ मिमिया जाती है ?
कुत्ता अगर अपनी गली में शेर होता है
तो उसवक्त वह गुर्राता है या उसका भौंकना ही गुर्राना मान लिया जाता है ?
कुत्ते योगासन मुद्रा में दोनों पाँव उठाकर भौंकने से क्या फायदा पा सकते हैं ?
फैंसी ड्रेस में भाग ने वाले कुत्ते क्या भारतीय ड्रेस सलवार कमीज़ पहन सकते हैं ?
क्या कुत्ते सामूहिक रूप से भौंकने के लिए रामलीला ग्राउंड या जंतर-मंतर का इस्तेमाल कर सकते हैं / या करते हैं ?
भौंकने की समयसीमा तय की जानी चाहिए ?
भौंकने के लिए कोई न्यूनतम आयु क्यों नहीं है संविधान में ?
भौंकने के लिए क्या किसी न्यूनतम अहर्ता का होना अनिवार्य होना चाहिये ?
भौंकना क्या मौलिक अधिकारों में शामिल करने के लिए उपयुक्त होगा ?
लिटररी फेस्टिवल में क्या भौकने पर किसी संवाद का आयोजन हुआ है ,
अगर नहीं तो क्या वहाँ भूँकने पर प्रतिबन्ध जायज़ होगा ?
क्या भौंकने पर कोई उपाधि या सम्मान विश्व में दिया जाता है ,
यह सम्मान अब तक किसे -मिला है ?
इसमें कोई प्रवासी भारतीय शामिल है ?
कुत्ते भौंकते वक्त किस भाषा का इस्तेमाल करते हैं ?
क्या उनमे भाषा को लेकर कोई विवाद है ?
या किसी भाषा में भौंकना अपराध है ?
भौंकने पर अब तक कितनी कमिटी या कितने आयोग बिठाए गए हैं ?
भौंकना सुनने वाले खुद आते हैं या किराये पे लाये गए हैं ?
सबसे मूल प्रश्न तो छूट ही गया
भौंकने वाला जब किसी कुतिया को देखता है ,
तो सर क्यों हिलाने लगता है ?
दुम क्यों उठाता है ?
चारों तरफ घूमता है ?
सिर्फ सूंघता है ?
दोनों पंजे लंबे कर लेट सा जाता है ,
भौंकना भूल कर सिर्फ मिमियाता है .
बसंत से कुत्ते का क्या नाता है ?
और बंधु , प्रोफ़ेसर जब हो जाओ ,
यह ,मत भूलना
कुत्ते की जात
जब से रही आदमी के साथ
गुर्राना भूल गयी
सिर्फ अब भौंकती है
सुविधा की हड्डी
पे जिसने मुंह मार लिया
लार किया , लार किया .
मुझे मत ढूँढना
आजकल
सामाजिक मीडिया पर
सक्रिय हूँ
भौंकना -भूंकाना दिनरात जारी है
नौकरी सरकारी है
तरमाल डी पी है
कुतिया है या कुत्ता
क्या पता
आदमी की शक्ल में है
एक अंडा
पर भाषा की सांसत है
हिन्दी में भौंको तो रोमन चाहिए
अब खजराहा कुत्ता अल्सेशियन होने से रहा
पामेरियन हो तो लोग गोद में उठा लेते हैं
हम सब निरपेक्ष देखते हैं
भूँकने की नयी गीता बाँच रहे हैं
नए लेब्राडोर हैं
दूसरे का फेंका लपियाते हैं ,
तलुवे ही नहीं तालू चाट जाते है ,
कुछ सेलेब्रिटी हैं
एकतरफा भौंकते है
बीच में बोलो तो सिर्फ टोकते हैं
और उनपर गुर्राओ तो
ढंके हुए हाथी हैं
साफ़ गुज़र जाते हैं
आप सिर्फ मिमियाते हैं
पर हम अब भी टेरियर हैं
शिकार पर अकेले हैं
भौंकना धर्म नहीं
धर्म है काटना
आप अच्छे हैं
तो दुम हिलाऊँगा
नहीं तो सावधान
काट खाऊंगा
शांति में विश्वास है
तरीका उग्रवाद है .
भों , भों , भों ,भों , भौं ऽऽऽऽऽऽऽ
भू भू भू भूंह भूंह ब्हुंह ऽऽऽऽऽऽ
भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं भौं ओं ओं ओं ओं
हंसिये मत
हँसना मना है
मैं ऋषि नहीं हूँ
और ना ही ये बीज मंत्र हैं
हाँ ठीक समझे आप यह
भौंकने वाले प्राणी की विविध-भारती है
अब विशेषज्ञ तो हूँ नहीं
इसलिए आपका इसमें परिपूर्णता ढूँढना ज्यादती है
क्या आप भौंक सकते हैं ?
नहीं यह तो असंस्कृत तरीका हुआ
ऐसे पूछता हूँ -
"क्या आप भौंकना जानते है ?"
किसी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं ?
या सिर्फ सुनी सुनायी ज्ञातक हैं ?
दरअस्ल मैं विभिन्न पाये के भौंकने वाले तलाश रहा हूँ
ऐसे क्या देख रहे हैं ?
नहीं न मुझे कुत्ते पालने का शौक हुआ है
न मुझे अपनी कुतिया के लिए अच्छी नस्ल के कुत्ते की तलाश है
मेरे हाथों में बचे हुए बिस्किट भी नहीं हैं
आप निश्चित रहें मुझे किसी कुत्ते ने नहीं काटा.
मैं पिछले के पिछले के पिछले जन्म में
युधिष्ठिर के साथ साथ हिमालय तक गया था
अपनी कौम का इकलौता था
अब अखबार निकालता हूँ
सपने में टी वी कयास रहा हूँ
मुझे अच्छे रिपोर्टर , एंकर , विशेषज्ञ भी चाहिए
अब आप ही बताइए
चौबीस घंटे , सात दिन
कोई गुर्रा तो नहीं सकता
भौंकने के अलावा क्या बचता
सुबह मुँह अँधेरे सैर को क्या निकले
पीछे से जब ये आवाज गूंजती है
तो न सिर्फ घिग्घी बंधती है
फट जाती है
मन ही मन आसमानों की तरफ तकता हूँ
खुदा वन्द करीम की रहमत की दुआ करता हूँ
संकट में धर्म किसे याद रहता है
आँखों के आगे सिर्फ इंजेक्शन घूमता है
आधी रात को नींद में बडबडाता हूँ
जब भी किसी रोते हुए कुत्ते के रोने की आवाज़ सुनता हूँ
दिल अक्सर ब्रेकिंग न्यूज़ सुनकर दहल जाता है
पर जबसे हर कुत्ता रात-बिरात ब्रेकिंग न्यूज़ की माफिक
कहीं भी कभी भी चालू हो जाता है
तबसे अपनी भी जेब में पत्थर सवार है
पत्नी भी पूछती है
धर्मं बदल कर दूसरा ब्याओ करे क्या
ये पत्थर क्योँ धरे मियाँ ?
अब उस बावरी को कैसे समझाऊं
मानिक वर्मा सा हो गया हूँ
कविता नहीं खम्बा ढूँढता हूँ .
आजकल विश्वविद्यालय में कोई बिना पी एच डी के प्रोफ़ेसर नहीं हो सकता
ऐसे ही एक मित्र कल घर आये
बोले विषय सुझाओ
मैंने कहा बहुतेरे हैं
गाय के मूत्र पर कर लो
कोलावेरी-डी है
ढंका हुआ हाथी है
बोले मेरे को प्रोफ़ेसर न बनने देने की ये क्या ओछी राजनीति है ?
मैंने कहा राजनीति ओछी नहीं , ओबीसी है .
बोले मजाक मत करो
सुझाना है सुझाओ
उपहास तो मत उड़ाओ
वैसे ही दुखी हूँ
देश की शिक्षा रसातल को जा रही है
शिक्षा में विदेशी पूँजी आ रही है
मैंने कहा आप इसके खिलाफ भौंकते क्योँ नहीं ??
दोस्त ने सुना नहीं , या गुना नहीं ,
अपनी ही तान में बोला -
क्या भौंके ?
हम तो गुर्रा तक आये
पर बोटी तो क्या कोई हड्डी तक नहीं डालता .
मैंने कहा गुरु मिल गया
मैं भौंकने पर कविता लिख रहा हूँ
तुम भौंकने पे शोध कर लो .
मित्र बोले - इसमें शोध क्या है ?
कोई भी अगर कुत्ता है , भौंक लेता है
मैंने कहा - नहीं बहुतेरे प्रश्न है
जैसे -
रात और दिन में भौंकने में क्या फर्क है ?
क्या उभयचर भौकने वाले वास्तव में होते हैं -
जो दिवा और निशा दोनों काल में समान विशेषज्ञता से भौंक सकें ?
दुम उठाकर और दुम दबाकर भौंकने में क्या फर्क है ?
लगातार भौंकने या कभी -कभी भौंकने वाले में कौन ज्यादा सफल है ?
भौंकने में बीच-बीच में श्लोक उदधृत करने के क्या फायदे या नुकसान हैं ?
क्या भौंकने की विशेष शैली से यह ज्ञात होता है कि -
भौंकने वाला संघी , कांग्रेसी , साम्यवादी , समाजवादी , या सिर्फ किसी सुविधावादी
घर से बंधा है ?
या फिर छुट्टा है ?
क्या कुत्ते के बकरे की तरह दाढ़ी होती है - अगर हाँ ,
तो दाढ़ी वाले कुत्ते के भौंकने का
अन्य कुत्तों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
दाढ़ी वाला कुत्ता क्या अन्य कुत्तों को डराने के लिए भौंकता है ?
जो कुत्ता अपने मोहल्ले में जोर जोर से भौंकता है
वह क्या अन्य मोहल्ले में भी उतने रूआब से भौंकता है ?
या उसकी आवाज़ मिमिया जाती है ?
कुत्ता अगर अपनी गली में शेर होता है
तो उसवक्त वह गुर्राता है या उसका भौंकना ही गुर्राना मान लिया जाता है ?
कुत्ते योगासन मुद्रा में दोनों पाँव उठाकर भौंकने से क्या फायदा पा सकते हैं ?
फैंसी ड्रेस में भाग ने वाले कुत्ते क्या भारतीय ड्रेस सलवार कमीज़ पहन सकते हैं ?
क्या कुत्ते सामूहिक रूप से भौंकने के लिए रामलीला ग्राउंड या जंतर-मंतर का इस्तेमाल कर सकते हैं / या करते हैं ?
भौंकने की समयसीमा तय की जानी चाहिए ?
भौंकने के लिए कोई न्यूनतम आयु क्यों नहीं है संविधान में ?
भौंकने के लिए क्या किसी न्यूनतम अहर्ता का होना अनिवार्य होना चाहिये ?
भौंकना क्या मौलिक अधिकारों में शामिल करने के लिए उपयुक्त होगा ?
लिटररी फेस्टिवल में क्या भौकने पर किसी संवाद का आयोजन हुआ है ,
अगर नहीं तो क्या वहाँ भूँकने पर प्रतिबन्ध जायज़ होगा ?
क्या भौंकने पर कोई उपाधि या सम्मान विश्व में दिया जाता है ,
यह सम्मान अब तक किसे -मिला है ?
इसमें कोई प्रवासी भारतीय शामिल है ?
कुत्ते भौंकते वक्त किस भाषा का इस्तेमाल करते हैं ?
क्या उनमे भाषा को लेकर कोई विवाद है ?
या किसी भाषा में भौंकना अपराध है ?
भौंकने पर अब तक कितनी कमिटी या कितने आयोग बिठाए गए हैं ?
भौंकना सुनने वाले खुद आते हैं या किराये पे लाये गए हैं ?
सबसे मूल प्रश्न तो छूट ही गया
भौंकने वाला जब किसी कुतिया को देखता है ,
तो सर क्यों हिलाने लगता है ?
दुम क्यों उठाता है ?
चारों तरफ घूमता है ?
सिर्फ सूंघता है ?
दोनों पंजे लंबे कर लेट सा जाता है ,
भौंकना भूल कर सिर्फ मिमियाता है .
बसंत से कुत्ते का क्या नाता है ?
और बंधु , प्रोफ़ेसर जब हो जाओ ,
यह ,मत भूलना
कुत्ते की जात
जब से रही आदमी के साथ
गुर्राना भूल गयी
सिर्फ अब भौंकती है
सुविधा की हड्डी
पे जिसने मुंह मार लिया
लार किया , लार किया .
मुझे मत ढूँढना
आजकल
सामाजिक मीडिया पर
सक्रिय हूँ
भौंकना -भूंकाना दिनरात जारी है
नौकरी सरकारी है
तरमाल डी पी है
कुतिया है या कुत्ता
क्या पता
आदमी की शक्ल में है
एक अंडा
पर भाषा की सांसत है
हिन्दी में भौंको तो रोमन चाहिए
अब खजराहा कुत्ता अल्सेशियन होने से रहा
पामेरियन हो तो लोग गोद में उठा लेते हैं
हम सब निरपेक्ष देखते हैं
भूँकने की नयी गीता बाँच रहे हैं
नए लेब्राडोर हैं
दूसरे का फेंका लपियाते हैं ,
तलुवे ही नहीं तालू चाट जाते है ,
कुछ सेलेब्रिटी हैं
एकतरफा भौंकते है
बीच में बोलो तो सिर्फ टोकते हैं
और उनपर गुर्राओ तो
ढंके हुए हाथी हैं
साफ़ गुज़र जाते हैं
आप सिर्फ मिमियाते हैं
पर हम अब भी टेरियर हैं
शिकार पर अकेले हैं
भौंकना धर्म नहीं
धर्म है काटना
आप अच्छे हैं
तो दुम हिलाऊँगा
नहीं तो सावधान
काट खाऊंगा
शांति में विश्वास है
तरीका उग्रवाद है .
वाह जी वाह!
जवाब देंहटाएंयह भी खूब रही.
भौंकना पुराण ख़ूबसूरती से आपने गडी.
पड़कर भूंकने का दिल कर रहा है.
भूँकते भूँकते लिखा गया , अब देखिये इसकी भौं भौं किनके कानों तक पहुँचती है . आपका तहेदिल से स्वागत है .
हटाएंभौंकना भी कायदे से आना चाहिए !!
जवाब देंहटाएंमित्र इसीलिये तो इस विषय पर अनुसंधान करने वाले हैं , शोधपत्र आते ही आपको सूचित करूँगा . हम दोनों ही कायदे से सीखेंगे
हटाएंअच्छी भौंकाहट है त्रिवेदी जी,
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता
भौकना भी एक कला है ,कुछ तो इसे विज्ञान मानते हैं |सुना है जो भौकते हैं वो काटते नहीं ,मतलब आत्मसंयमी ही भौक सकता है ,अगर संयम टूटा और काट बैठे तो भौकने वाले समुदाय से अहिंसक होने का तमगा छीन लिया जायेगा और भौकना अधार्मिक कृत्य हो जायेगा |भौकने के साथ दांत दिखलाने की कला भी आनी चाहिए,थोडा और प्रभावशाली और ओजपूर्ण प्रतीत होगा |दांत देखते ही कई गुट वार्ता के लिए तैयार हो जायेंगे |
जवाब देंहटाएंकाटना भेड़ियों का विशेषाधिकार है, संयुक्त -राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्थाई भेड़ियों को कुत्तों के भौकने की गति नियंत्रित करने हेतु ,तैनात कर रखा है |कुतिया तो क्या पिल्लों के आगे दुम हिलाना ही अहिंसा है जब तक भेड़ियों में सहमति न बने ,हाँ अगर किसी भेडिये से उनके दांत खरीदने का समझौता हो गया तो थोड़ी छुट् मिल सकती है |
Har bhaunkne wala kutta kahan hota hai, kabhi kabhi to billiyan bhi bhaunk jaya karti hai...apne asli roop ko pehchaan jaya karti hain :)
जवाब देंहटाएंBahut Khoob Atul ji...
chintan ji, achchha laga, aapne bhi padhha. Aajkal Dekhta Hun Aadmi Se Jyada Jaanwar Jyada Rasookh Wale Hote Hain. Is liye ab inhi par prayog karne ki sochee hai . Bandar, Bhainsa, Ullu, aur Billi. Billi Ki soorat aane pe aapki billi bhi gurrayegi. bas 900 chuhe khila lun apni billi ko.
हटाएंक्या भौंके ?
जवाब देंहटाएंहम तो गुर्रा तक आये
पर बोटी तो क्या कोई हड्डी तक नहीं डालता .waah
waah! bahut khub...ek alag tarh ki post padhne ko mili aap ke blog par...
जवाब देंहटाएंachcha laga, chaliye janvaree achche se gujar gayee hamaree.
हटाएं...शांति में विश्वास है
जवाब देंहटाएंतरीका उग्रवाद है.
बहुत बढ़िया.
लोग़ किसी की पीठ में 'भौंक' देने की इच्छा जाग गई है:-)