कौन हूँ मैं ?
हाड़ माँस का पुतला
जैसे शेर, शेर
और पीपल ,पीपल
या कोई और है मसला?
कौन हूँ मैं ?
नदी की तरह बहता हुआ
पहाड़ से समुन्दरों की ओर
या फिर नभ में विचरता
पंक्षी उड़ता
विभोर
कौन हूँ मैं ?
किसी देश की मिट्टी में कैद
एक शरीर -
जिसने पहन रक्खा है एक नंबर
जिसकी सीमाओं के चारों ओर है
तैनात सिपाही
जिनकी बाज़ सी आँखों को छला नहीं जाता
कोई नहीं जो , लांघ के जा सकता
सीमा के उस ओर
और फिर कहते हो
- हम आजाद हैं .
कौन हूँ मैं ?
उधेडो , काटो , बांटो , जोड़ो
रक्त-हड्डियाँ-छाल
वही आँखे , वही हाथ , वही वसा , वही गात
सिर्फ एक दुर्घटना
या फिर कोई और रचना
मेरे दिमाग को उलटो - पलटो
धोलो , खंगालो
पर इस दर्द से बचा लो
इस दंश से उबारो
इसमें कौन सा कीड़ा कुलबुलाता है
जो मुझे बार बार बताता है
कि मैं किसी ग्रन्थ की ईबारत हूँ
कि मैं पवित्र हूँ , मैं सच हूँ , आयत हूँ
कि मैं ईश्वर हूँ , ईसा हूँ , खुदा हूँ
कि मैं अपने ही जैसे किसी और आदमी से जुदा हूँ
कौन हूँ मैं ?
हाड़ माँस का पुतला
जैसे शेर, शेर
और पीपल ,पीपल
या कोई और है मसला?
कौन हूँ मैं ?
नदी की तरह बहता हुआ
पहाड़ से समुन्दरों की ओर
या फिर नभ में विचरता
पंक्षी उड़ता
विभोर
कौन हूँ मैं ?
किसी देश की मिट्टी में कैद
एक शरीर -
जिसने पहन रक्खा है एक नंबर
जिसकी सीमाओं के चारों ओर है
तैनात सिपाही
जिनकी बाज़ सी आँखों को छला नहीं जाता
कोई नहीं जो , लांघ के जा सकता
सीमा के उस ओर
और फिर कहते हो
- हम आजाद हैं .
कौन हूँ मैं ?
उधेडो , काटो , बांटो , जोड़ो
रक्त-हड्डियाँ-छाल
वही आँखे , वही हाथ , वही वसा , वही गात
सिर्फ एक दुर्घटना
या फिर कोई और रचना
मेरे दिमाग को उलटो - पलटो
धोलो , खंगालो
पर इस दर्द से बचा लो
इस दंश से उबारो
इसमें कौन सा कीड़ा कुलबुलाता है
जो मुझे बार बार बताता है
कि मैं किसी ग्रन्थ की ईबारत हूँ
कि मैं पवित्र हूँ , मैं सच हूँ , आयत हूँ
कि मैं ईश्वर हूँ , ईसा हूँ , खुदा हूँ
कि मैं अपने ही जैसे किसी और आदमी से जुदा हूँ
कौन हूँ मैं ?