और फिर इतना बेकार नहीं हूँ .
दोस्त कम या ज्यादा हिसाब क्या ?
नेता नहीं , साहूकार नहीं हूँ .
चेहरे को मेकअप से सजाना ?
आम दिन हूँ , त्यौहार नहीं हूँ .
जिंदगी - गणित में अव्वल नहीं तो क्या ,
तुम जीत नहीं , मैं हार नहीं हूँ .
पुराने ख़त की ईबारत हूँ मैं ,
मैं कल का बासी अखबार नहीं हूँ .
उम्दा रचना...........
जवाब देंहटाएंअनुपम रचना.........
बाँच कर अच्छा लगा........