हर शब्द का हमारा आपका अनुभव अलग है . शब्द के अर्थ हमारे अनुभव के अनुसार हमें सुख-दुःख संताप पीड़ा आह्लाद आनंद शांति द्वेष घृणा प्रेम जैसे उदगार देते हैं - शब्द और अर्थ .मेरे अनुभव और अर्थ का विहंगम . मेरे शब्दों का सफर .
16 अगस्त 2010
पंछी का साया
बस धुंधला सा इक नाम औ’ भूली हुई सूरत
दिल से चाहोगे तो क्या खुदा नही मिलता .
चिलमन में छुपा लो चाँद को तो क्या होगा ?
बादलों में निहां चाँद से क्या दरिया नही उठता ?
सफर में साथ मेरे एक पंछी का साया था ,
उसे नहीं देखा कभी वो मुझे नही पहचानता.
इक तस्सवुर जिसके सहारे उम्र गुजार दी
उस खत पर चस्पा है न पता नही लापता.
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वाह वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंbahut khoob!
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