अ से अनार
हिंदी की पहली कक्षा
और पहला पाठ
यही है इतिहास .
अक्षर ज्ञान हो गया
बचपन खो गया
पाठ पर पाठ
पाठ दर पाठ
यही है इतिहास .
छोटी अंगुलिओं से पकड़ी लेखनी
सजिल्द हो गयी मोटी मोटी किताब
समय भागता रहा
किताब के पन्ने पलटते गए
और भरते गए
थरथराते हाथों से खाली पृष्ठ
अब की - बोर्ड से उलझती हैं अंगुलियाँ
अब भी नहीं समझ आती लम्बी लम्बी पंक्तियाँ
और भारी भरकम शब्द
कम हो चली है आँखों की रोशनी
अक्षर बड़े बड़े लिखता हूँ
खुद को कम दिखता हूँ
बहुत कुछ कहना है अबाध
अ से अनार
से शुरू हुआ सफ़र
लगता है ख़त्म होने को है
ककहरे का ज्ञान !
हर वाक्य को लगाना पूर्ण विराम !
और उसी की तलाश में कहाँ आ गया
लेकर
अ से अनार !!
khoob likha hai kakahre ka gyaan ..bahut kuchh kahati rachna...
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