सिर्फ एक नाम या
लिफाफे पर लिखा पता
तुमसे क्या छिपा ?
डाला हुआ बैरंग ख़त
उस पते ने लौटा दिया .
(२)
बहुत कोशिशों के बाद
याद नहीं आया
पहचान नहीं पाया
स्मृतियों के जंगल में भटकता चेहरा
जंगल से गुजरती कोई भी पगडंडी
वापिस नहीं ले जा सकी
उस मोड़ तक .
(३)
ये शहर
वो मकान
बहुत अपरिचित लगे
बच्चे जो हो गए थे अब बूढ़े .
(४)
कोई नहीं खेलता
टूटे खिलौनो से
किसी दोस्त का उपहार हैं
बचपन का प्यार है
कोई नहीं फेंकता
टूटे खिलौने .
(५)
शहर फ़ैल गया है
विस्थापित हो गए हैं
दोस्तों के मकान
तालाब के किनारे शाम
अकेले ही रात में ढल गयी .
bahut gahan bhaav rakhe aapki yah kshanikayen bahut achchhi lagin
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी क्षणिकाएं हैं -
जवाब देंहटाएंबधाई एवं शुभकामनाएं