चंद शब्द
या लिख पूरा महाकाव्य
नहीं भर सका उसके जाने से उपजी रिक्तता
आया ठहराव
बुद्धू बॉक्स के सामने बैठकर
चैनल बदलता रहा
सड़क पर निरुद्देश्य चलता रहा
हाथों में किताब ले पलटे पन्ने
कभी इस कभी उस कमरे बैठा
उस पर सिगरेट का टोटा
बस एक दो गहरा कश धुएँ का छल्ला
जाने - अनजाने लोगों का घुमाया नम्बर
बस एक दो गहरा कश धुएँ का छल्ला
जाने - अनजाने लोगों का घुमाया नम्बर
बिना बादलों के सूना ज्यों ज्येष्ठ का अम्बर
पानी पीकर फेंका नारियल
लुढ़कता रहा कभी ईधर कभी उधर
वैसा ही खाली
चाय की दुकान सामने की बेंच
बैठक नहीं लेती चुस्की नहीं देती
आवारा दोस्तों के साथ आवारा नहीं होता
आवारा दोस्तों के साथ आवारा नहीं होता
हिंदी सिनेमा देख कर नहीं रोता
अखबार में छपी बुरी खबरें नहीं रुलाती
चुटकलों पर हंसी नहीं आती
सिनेमा के पोस्टरों में ढूँढता हूँ
पुरानी धुन में गुनगुनाता हूँ
किसी कविता की भूली पंक्तियों सा
चाह कर भी याद नहीं आती
चाह कर भी याद नहीं आती
पेड़ से बिछड कर हवा में उड़ गयी जर्द पाती
आईने से उसके चेहरे की मानिंद
आईने से उसके चेहरे की मानिंद
बादलों की स्याही की चादर में लिपटा शहर
एक अँधेरा कुआं जिसने मुझे छुआ
एक अँधेरा कुआं जिसने मुझे छुआ
संवाद मौन हो गया
अचानक सहसा किसी साजिश जैसा
अचानक सहसा किसी साजिश जैसा
परिचित, कौन ? हो गया
नंगा खाली बिस्तर जिससे किसी ने उतार ली चादर
और बाल्कनी में टांग आया नुमाईश के लिए
बासी खबरों के ताज़ा अखबार की तरह
और बाल्कनी में टांग आया नुमाईश के लिए
बासी खबरों के ताज़ा अखबार की तरह
कीबोर्ड पर पागलों की तरह पटकता उंगलियाँ
एक के बाद एक नाम दिया
खर्च कर डाले सारे तखल्लुस
एक के बाद एक नाम दिया
खर्च कर डाले सारे तखल्लुस
सारी रात तकता रहा टकटकी बांधे
स्क्रीन से नहीं निकला कोई
ना कोई तारा , न सितारा , न साया , न छाया
न अकेले न जुलूस
सार्वभौमिक सत्ता इन्टरनेट की व्याप्ति
मेरे खाली कमरे में सिकुड़ गयी
यथार्थ सामने खड़ा था
और मैं अकेला था
चौबीस इंच के आयत पर बेबस
कर्सर की तरह तिलमिलाता
अगली कुंजी के दबाव के इंतज़ार में |
न अकेले न जुलूस
सार्वभौमिक सत्ता इन्टरनेट की व्याप्ति
मेरे खाली कमरे में सिकुड़ गयी
यथार्थ सामने खड़ा था
और मैं अकेला था
चौबीस इंच के आयत पर बेबस
कर्सर की तरह तिलमिलाता
अगली कुंजी के दबाव के इंतज़ार में |
bahut sunder rachanaa.akela byakti ki byatha ka chitraan bahut achche se kiya aapne.badhaai aapko
जवाब देंहटाएंplease visit my blog www.prernaargal.blogspot.com
and leave the comments also
अकेलेपन और मन की व्यथा का सुंदर चित्रण ..सजीव ...किसी चलचित्र की भाँती ..!!
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