रीती खाली जगह भरने
जमा की कतरनें
टूट न जाये भंगुर
नाजुक ह्रदय
यात्रा की आपाधापी में .
तार-तार हुए
संबंधों की चिन्दियाँ
बन गयी गाठें
घावों की मरहमपट्टी में .
छिद्र-छिद्र आकाश पै
बादलों के पैबंद
नहीं रोक सके
अन्दर का बांध
मन भींग गया
बूंदा-बांदी में .
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