डरता हूँ
उस व्यक्ति सा ना हो जाऊं
जिसकी मिट चुकी है सब स्मृति
जिसे कोई नहीं पहचानता
जिसकी नाक , आँख , कान के आकार
जिसके चमड़े के रंग या प्रकार
भाषा वेशभूषा
से समझ नहीं आती संस्कृति
खान -पान या नस्ल - देश |
किस परंपरा का हो निर्वाह
किस भाषा साहित्य का करे प्रमाद
धरती के किस अंश का भागीदार
किन पहाड़ों , नदियों , जंगलों का दावीदार
वो प्रवाह या फिर धारा
ज्ञात नहीं कौन सा किनारा
सीमा पर बाड़ की किस ओर की माटी
माथे से लगाऊं?
उस व्यक्ति सा ना हो जाऊं
जिसकी मिट चुकी है सब स्मृति |
जानता है
निकला है शून्य से
समाएगा शून्य में
डराती है शून्यता
भरता है मनुष्य
बनाता है साम्राज्य
रचता साहित्य कविता
लिखता इतिहास
अंततः क्या बचेगा
ये सब समाएगा शून्य में
फिर क्यों सारे खिलौने
और कितना खेलें ?
राष्ट्र/ धर्म/ जाति / परिवार / भाषा
अस्त्र हैं
मारतें हैं शून्यता
जिससे डरतें हैं
सबसे ज्यादा |
चाहिए एक पहचान
हो एक नाम
मालूम हो
कौन सा राष्ट्र गीत गाना
किस टीम का बाजा बजाना
किस संस्कृति को बखानना
किस ईश्वर की करें स्थापना |
बहुत गहन रचना ...पहचान का होना ज़रूरी है ..
जवाब देंहटाएंगहन अर्थ है कविता में -नाम ज़रूरी है ......पहचान ज़रूरी है ....!!
जवाब देंहटाएंचाहिए एक पहचान
जवाब देंहटाएंहो एक नाम
मालूम हो
कौन सा राष्ट्र गीत गाना
किस टीम का बाजा बजाना
किस संस्कृति को बखानना
किस ईश्वर की करें स्थापना |... bahut gahri baat kah di
yadi aapki ruchi ho to rasprabha@gmail.com per sampark karen
जवाब देंहटाएंकवियों की रचनाओं का अनमोल संग्रह का संपादन मैं पुनः कर रही हूँ , सबकी तरफ से एक निश्चित धनराशि का योगदान
है ... क्या शामिल होना चाहेंगे ?
1) इस पुस्तक में 25-30 कवियों/कवयित्रियों की प्रतिनिधि कविताओं को संकलित की जायेंगी।
2) इस पुस्तक का संपादन रश्मि प्रभा करेंगी।
3) एक कवि को लगभग 6 पृष्ठ दिया जायेगा
4) सहयोग राशि के बदले में पुस्तक की 25 प्रतियाँ दी जायेंगी।
5) सभी पुस्तकें हार्ड-बाइंड (सजिल्द) होंगी और उनमें विशेष तरह कागज इस्तेमाल किया जायेगा।
6) यदि कोई कवि 6 से अधिक पृष्ठ की माँग करता है या उसकी कविताएँ 6 से अधिक पृष्ठ घेरती हैं तो उसे प्रति पृष्ठ रु 500 के हिसाब
से अतिरिक्त सहयोग देना होगा। उदाहरण के लिए यदि किसी कवि को 10 पृष्ठ चाहिए तो 4 अतिरिक्त पृष्ठों के लिए रु 500 X 4= रु 2000
अतिरिक्त देना होगा
7) यदि कोई कवि 25 से अधिक प्रतियाँ चाहता है तो उसे अभी ही कुल प्रतियों की संख्या बतानी होगी। अतिरिक्त प्रतियाँ उसे
अधिकतम मूल्य (जो कि रु 300 होगा) पर 50 प्रतिशत छूट (यानी रु 150 प्रति पुस्तक) पर दी जायेंगी।
8) यदि किसी कवि ने अतिरिक्त कॉपियों का ऑर्डर पहले से बुक नहीं किया है तो बाद में अतिरिक्त कॉपियों की आपूर्ति की गारंटी हिन्द-युग्म
या रश्मि प्रभा की नहीं होगी। यदि प्रतियाँ उपलब्ध होंगी तो 33 प्रतिशत छूट के बाद यानी रु 200 में दी जायेंगी।
9) कविता-संग्रह की कविताओं पर संबंधित कवियों का कॉपीराइट होगा।
10) सभी कवियों और संपादक को 20 प्रतिशत की रॉयल्टी दी जायेगी (बराबर-बराबर)
विस्मृति की वेदना को उजागर करती एक सशक्त रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंमहोदय,
जवाब देंहटाएंवाह ,
( डरता हूँ
उस व्यक्ति सा ना हो जाऊं
जिसकी मिट चुकी है सब स्मृति
जिसे कोई नहीं पहचानता )
बहुत खूब,
किंतु इसमें डरना क्यों-
अच्छा है - यह दुनिया अब ऐसी ही होती जा रही है जिसमें कि अब सब स्मृतियां मिट ही जाएं तो अच्छा है- वो बचपन- वो गांव- वो आनंद- अब घर घर नहीं रहा- भाईयों को भाभियों ने ले लिया- चबूतरे के रमठल्ली आनंद को केबिल टीवी ले गया --और क्या क्या याद दिलाऊं-- मिट जाने दो-- मैं तो नहीं डरता-----
सादर
डॉ रावत