नाराज है तो लड़ ले , गाली दे , आँखे तरेर ,
खामोश ना रह , मुंह ना फेर !
हममे अदावत कई जन्मों से सही ,
अब अल्लाह रहम ! खुदा खैर !
तेरी गाली मुआफ, मेरी खता मंजूर ,
दोनों उसके सामने होंगे, देर सबेर !
तेरे दोस्तों में मेरा शुमार न सही ,
ज़िन्दगी गुजरी नहीं तेरे बगैर .
बचपन छूटा, बचपना रह गया ,
यह कैसा तमाशा , कैसा अंधेर !
aapka dost aapse maan jaaye ,yahi meri tammna hai.
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंbadi mushkil se magar duniya me dost milte hai...khoob likha sir...
जवाब देंहटाएंhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/