20 अप्रैल 2011

अपने टाईप का

शब्दों का संचारण
भावों का उच्चारण
वाक्यों का विन्यास
तनिक संकुचन
और तनिक तराश |
स्फुरण सहज
नहीं आख्यान
न कोई विरुदावली
न प्रश्न-पहेली
न  उस्ताद
न वरदहस्त
शब्द सरल
अर्थ विरल |
नहीं कोई गोष्ठी 
बस अपनी संतुष्टि
छोटी सी सृष्टी
नहीं करपात्री
यायावर यात्री
बस एक बंजारा 
स्वतःस्फूर्त कविता 
कल-कल सरिता 
नहीं इन्तेजार साईत का 
कुछ अपने टाईप का |
(बाबुशा की टिप्पणी के सन्दर्भ से )

6 टिप्‍पणियां:

  1. कविता के सृजन को परिभाषित करती हुई .....
    खुद से संवाद करती हुई ....
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....!!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....!!

    जवाब देंहटाएं
  3. कुछ अलग सा लगा आपके लेखन में ...शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर शब्दों और अर्थ का चयन .बधाई सुंदर रचना के लिए / मेरे ब्लॉग मैं आइये और सन्देश देकर मेरा उत्साह बढाइये/मेरा लिंक है
    www.prernaargal.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

आपके समय के लिए धन्यवाद !!

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